Check Bounce Rule : चेक बाउंस के मामले आजकल बहुत बढ़ गए हैं और इससे आर्थिक लेन-देन में कई तरह की परेशानियां हो रही हैं इसे रोकने के लिए हाई कोर्ट ने हाल ही में बड़ा कदम उठाया है अब अगर कोई जानबूझकर या लापरवाही से चेक सिलेंडर करता है तो उस पर ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा यह फैसला उन लोगों के लिए चेतावनी है जो बिना सोच-समझ के चेक जारी करते हैं और दूसरे पक्ष को नुकसान पहुंचाते हैं।

इस लेख में आपको पूरी जानकारी मिलेगी कि हाई कोर्ट का यह फैसला क्या है इससे आप पर क्या असर पड़ेगा और चेक बाउंस से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
Contents
चेक बाउंस हाई कोर्ट का सख्त कदम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाई कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि चेक सिलेंडर करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा ₹10,000 तक का जुर्माना लगाने का यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि लोग अपने लेन-देन के मामले में सतर्क रहें इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि बैंकिंग प्रणाली में अनुशासन बना रहे और लेन-देन में विश्वास बढ़े।
चेक बाउंस से बचने के आसान तरीके
अगर आप चाहते हैं कि आपका चेक कभी बाउंस न हो तो इन बातों का ध्यान रखें सबसे पहले जब भी चेक जारी करें तो यह जरूर सुनिश्चित करें कि आपके बैंक खाते में पर्याप्त पैसा हो बैलेंस की कमी सबसे आम कारण है जिसकी वजह से चेक बाउंस होता है।
दूसरा चेक भरते समय पूरी सावधानी बरतें तारीख, हस्ताक्षर, और राशि सही तरीके से भरें एक छोटी सी गलती भी आपका चेक रद्द करवा सकती है आजकल डिजिटल भुगतान का चलन बढ़ गया है तो जहां तक संभव हो डिजिटल माध्यमों का उपयोग करें यह न सिर्फ सुरक्षित है बल्कि चेक बाउंस होने की संभावना भी खत्म हो जाती है।
इसके अलावा, अपने सभी लेन-देन का रिकॉर्ड रखें इससे आपको किसी भी विवाद की स्थिति में मदद मिलेगी और आप कानूनी झंझटों से बच पाएंगे।
चेक बाउंस के कानूनी परिणाम
अगर आपका चेक बाउंस होता है तो यह एक गंभीर मामला बन सकता है भारतीय कानून की धारा 138 के तहत चेक बाउंस एक दंडनीय अपराध है हाई कोर्ट के नए निर्देश के बाद चेक सिलेंडर करने वालों को जुर्माने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा इससे आपकी आर्थिक साख खराब हो सकती है और आपको कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
Also Read
